नंबर | तारीख | सन् | विवरण |
१ | २ अक्त्तूबर | १८६९ | पोरबंदर में जन्म |
२ | १८८२ | तेरह वर्ष में कस्तूरबा से विवाह | |
३ | जून | १८८८ | पुत्र हरिलाल का जन्म |
४ | २९ सितम्बर | १८८८ | साउथ हैम्पटन, इंग्लैंड पहुँचे |
५ | ६ नवम्बर | १८८८ | इनर टेम्पल, इन् ऑफ कोर्ट में दाखिला लिया |
६ | २७ मई | १८९१ | बार में विधिवत प्रवेश |
७ | २८ अक्टूबर | १८९२ | पुत्र मणिलाल का जन्म |
८ | २५ मई | १८९३ | डर्बन, नेटाल पहुँचे |
९ | २६ मई | १८९३ | पगड़ी हटाने से इनकार; कोर्ट छोड़ा |
१० | ३१ मई | १८९३ |
पीटरमैरित्सबर्ग स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के डब्बे से धक्का देकर उतारा गया |
११ | १८९३ | टॉलस्टॉय की 'किंगडम ऑफ गॉड इज विदिन यू' पढ़ी | |
१२ | २२ अगस्त | १८९४ | नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना हुई |
१३ | ९ जुलाई | १८९६ | ग्रीन पेम्फलेट्' को राजकोट में लिखना शुरू किया |
१४ | १६ नवम्बर | १८९६ |
रामकृष्ण भंडारकर की अध्यक्षता में पूना में ज़ाहिर भाषण |
१५ | ४ मई | १८९७ | पुत्र रामदास का जन्म |
१६ | ११ अक्टूबर | १८९९ |
बोअर लड़ाई के दोहरान इंडियन एम्बुलेंस कोर्प की स्थापना |
१७ | २२ मई | १९०० | देवदास के जन्म में दाई का काम किया |
१८ | ४ जून | १९०३ | इंडियन ओपिनियन का पहला संस्करण प्रकाशित |
१९ | दिसम्बर | १९०४ | फिनिक्स सेटलमेंट की स्थापना |
२० | २० जुलाई | १९०६ | ब्रह्मचर्य का व्रत लिया |
२१ | ११ सितम्बर | १९०६ |
एम्पायर थिएटर, जोहानिसबर्ग में सत्यागृह का अभिक्रम जहाँ लोगो ने इश्वर को साक्षी मान कर ये प्रण लिया की वो ब्लैक एक्ट का विरोध करेंगे |
२२ | १ अक्टूबर | १९०६ | हिंदी प्रतिनिधि मंडल को लेकर इंग्लैंड को रवाना |
२३ | २२ मार्च | १९०७ |
ट्रान्सवाल पार्लियामेंट में एशियाटिक रजिस्ट्रेशन बिल पारित |
२४ | १९०८ |
मगनलाल गांधी ने नाम दिया 'सदाग्रह' उसको बदल कर गांधीजी ने नाम दिया 'सत्याग्रह' |
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२५ | १० जनवरी | १९०८ |
रजिस्ट्रेशन के विरोध पर दो महीने का साधारण कारावास दिया गया |
२६ | ३० जनवरी | १९०८ |
जनरल स्मट्स के साथ स्वेक्छित नामांकन पर समझौता पारित हुआ |
२७ | १० फ़रवरी | १९०८ | मीर आलम व अन्य ने गांधीजी पर हमला किया |
२८ | १६ अगस्त | १९०८ |
स्मट्स के विश्वासघात पर समझौते के प्रमाण पत्रों की होली |
२९ | १४ अक्टूबर | १९०८ |
ट्रान्सवाल में बिना परमिट के घुसने पर दो साल का कठोर कारावास |
३० | २३ जून | १९०९ | हिंदी प्रतिनिधि मंडल के प्रतिनिधि बनकर इंग्लैंड रवाना |
३१ | १३-१२ नवम्बर | १९०९ | किल्डोनन जहाज पे रास्ते में 'हिन्द स्वराज' लिखा |
३२ | ११-१८ दिसम्बर | १९०९ | इंडियन ओपिनियन' में 'हिन्द स्वराज' प्रकाशित |
३३ | मार्च | १९१० | हिन्द स्वराज प्रतिबंधित,इंडियन होम रूल की अनुवादित कॉपी टॉलस्टॉय को भेजी |
३४ | २३ जून | १९१० |
टॉलस्टॉय फार्म स्थापित; दूध के निग्रह की शपथ फलों के आहार पे प्रयोग किये |
३५ | २२ अक्टूबर | १९१२ | गोपाल कृष्णा गोखले का साउथ आफ्रिका दौरा आरम्भ |
३६ | २२ सितम्बर | १९१३ | कस्तूरबा और अन्य गिरफ्तार |
३७ | २३ सितम्बर | १९१३ | कस्तूरबा को तीन महीने का कठोर कारावास |
३८ | १८ दिसम्बर | १९१३ |
गांधीजी व अन्य कारावास के निर्धारित समय से पहले अप्रतिबंधित रिहा |
३९ | २२ दिसम्बर | १९१३ | कस्तूरबा जेल से रिहा |
४० | २६ जून | १९१४ | इंडियन रिलीफ बिल (१९१४) पारित |
४१ | १८ जुलाई | १९१४ |
गोपाल कृष्णा गोखले से मिलने लन्दन पहुँचे; फिनिक्स समूह शांति निकेतन में |
४२ | १७ फरवरी | १९१५ | शांतिनिकेतन की यात्रा |
४३ | ५ अप्रैल | १९१५ | कुम्भ मेला हरिद्वार पहुँचे |
४४ | २० मई | १९१५ | सत्यागृह आश्रम कोचरब की स्थापना |
४५ | २६ जून | १९१५ | केसर- ए-हिन्द' पदक से सम्मानित |
४६ | ११ सितम्बर | १९१५ |
दुदाभाई, दानीबेन और लक्ष्मी का प्रथम हरिजन परिवार आश्रम से जुड़ा |
४७ | १५ नवम्बर | १९१५ | गुजरात सभा के उपप्रमुख निर्वाचित |
४८ | ६ फ़रवरी | १९१६ | बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में भाषण |
४९ | २६ दिसम्बर | १९१६ | जवाहर लाल नेहरु से लखनऊ कांग्रेस में पहली बार मिले |
५० | १० अप्रैल | १९१७ |
नीलवरों की परिस्थिति का आकलन करने के लिए राजकुमार शुक्ला के साथ पटना की यात्रा की |
५१ | १८ अप्रैल | १९१७ | अदालती आदेश की अवज्ञा के बारे में कोर्ट में निवेदन |
५२ | १७ जून | १९१७ | साबरमती आश्रम स्थापित |
५३ | २० अक्टूबर | १९१७ |
भरूच में द्वितीय गुजराती शिक्षण परिषद् की अध्यक्षता की |
५४ | ३ नवम्बर | १९१७ | गोधरा में प्रथम गुजरात राजकीय परिषद् के अध्यक्ष |
५५ | ७ नवम्बर | १९१७ | महादेव देसाई सचिव के रूप में जुड़े |
५६ | १४ फ़रवरी | १९१८ |
अहमदाबाद मिल मालिक और मिल मजदूर के विवाद में पंच नियुक्त किये गए |
५७ | १५ मार्च | १९१८ | हड़ताली मिल मजदूरों का संकल्प कायम रखने के लिए अनिश्चित काल का उपवास प्रारंभ |
५८ | १८ मार्च | १९१८ | समझौते के बाद उपवास तोड़ा |
५९ | २२ मार्च | १९१८ |
नडियाद में पांच हजार मजदूरों को संबोधित किया और भूमि कर न देने की सलाह दी |
६० | २४ फरवरी | १९१९ | रोलेट एक्ट' के विरोध में सत्याग्रह की शपथ ली |
६१ | ६ अप्रैल | १९१९ | रोलेट एक्ट' के विरोध में सत्याग्रह और राष्ट्रीय हड़ताल |
६२ | ९ अप्रैल | १९१९ | पलवल स्टेशन पे गिरफ्तार |
६३ | १३ अप्रैल | १९१९ |
जलियावालाबाग में जन संघार;अहमदाबाद में तीन दिन का उपवास प्रारंभ |
६४ | ७ सितम्बर | १९१९ | नवजीवन' का पहला संस्करण प्रकाशित |
६५ | ८ अक्टूबर | १९१९ | यंग इंडिया' का पहला संस्करण प्रकाशित |
६६ | १५ नवम्बर | १९१९ |
कांग्रेस ने हंटर कमीशन का बहिष्कार किया और स्वतंन्त्र जाँच समिति बनाई |
६७ | २ अगस्त | १९२० |
सारे सम्मान सरकार सरकारको लौटाए; असहयोग आन्दोलन प्रारंभ |
६८ | १८ अक्टूबर | १९२० | गूजरात विद्यापीठ की स्थापना |
६९ | २४ दिसम्बर | १९२१ | अहमदबाद में कांग्रेस का शासन दिया |
७० | २९ जनवरी | १९२२ |
भूमि कर का भुगतान और अवज्ञा आन्दोलन के एवज् में बारडोली सत्यागृह पारित हुआ |
७१ | ४ फ़रवरी | १९२२ | चौरी चौरा पे पुलिस कर्मी मारे गए |
७२ | १० मार्च | १९२२ | गांधीजी और शंकरलाल बैंकर गिरफ्तार |
७३ | ११ मार्च | १९२२ |
यंग इंडिया' में तीन लेखों के लिए राजद्रोह का आरोप लगाया गया |
७४ | १८ मार्च | १९२२ |
अहमदाबाद सर्किट हाउस में सुनवाई हुई; जज ब्रूमफील्ड ने गांधीजी को छः साल के कारावास की सजा सुनाई |
७५ | २१ मार्च | १९२२ | यरवडा जेल भेजे गए |
७६ | १२ जनवरी | १९२४ |
ससून हॉस्पिटल में अपेण्डीसाइटीस की शल्य चिकित्सा हुई |
७७ | ५ फ़रवरी | १९२४ | अप्रतिबंधित रिहा |
७८ | ६ अप्रैल | १९२४ |
दक्षिण आफ्रीकाना सत्याग्रहानो इतिहास' का नवजीवन में प्रकाशन |
७९ | १७ सितम्बर | १९२४ |
दिल्ली में मौलाना महोम्मद अली के घर पर साम्प्रदायिक सामंजस्य के लिए इक्कीस दिन का उपवास प्रारंभ |
८० | २६ दिसम्बर | १९२४ | बेलगाम कांग्रेस की अध्यक्षता की |
८१ | २२ सितम्बर | १९२५ | आल इंडिया स्पिनर्स एसोसिएशन' स्थापित |
८२ | ७ नवम्बर | १९२५ | मैडेलीन स्लेड सत्याग्रह आश्रम से जुड़ी; गांधीजी ने मीराबेन नाम दिया |
८३ | २९ नवम्बर | १९२५ |
सत्याना प्रयोगों अथवा आत्मकथा' का प्रकाशन'नवजीवन में प्रारंभ |
८४ | ३ दिसम्बर | १९२५ |
सत्य के प्रयोग' अथवा आत्मकथा का प्रकाशन 'यंग इंडिया' में प्रारंभ |
८५ | ३ फ़रवरी | १९२८ | साइमन कमीशन' का बहिष्कार |
८६ | २७ जून | १९२९ | अनासक्तियोग' की भूमिका लिखी |
८७ | ३१ अक्टूबर | १९२९ | वाइसराय लॉर्ड इरविन ने गोल मेज़ सभा की घोषणा की |
८८ | २७ दिसम्बर | १९२९ | लाहौर कांग्रेस में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित |
८९ | १५ फ़रवरी | १९३० |
नमक कानून को तोड़ने के अपने विचार वाइसराय को लिखे |
९० | १२ मार्च | १९३० | सत्याग्रह आश्रम से डांडी मार्च का प्रारंभ |
९१ | ६ अप्रैल | १९३० | नमक कानून तोड़ा |
९२ | ५ मई | १९३० | गिरफ्तार करके यरवडा जेल भेजा गया |
९३ | २६ जनवरी | १९३१ | जेल से रिहा |
९४ | ५ मार्च | १९३१ | गाधी-इरविन समझौते पे दस्तखत |
९५ | १२ सितम्बर | १९३१ |
लन्दन में द्वितीय गोल मेज़ परिषद् में कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में |
९६ | १३ सितम्बर | १९३१ | अमेरिका के लोगों के नाम एक सन्देश रिकार्ड किया |
९७ | ९ अक्टूबर | १९३१ | मारिया मोंटेसरी से मिले |
९८ | २० अक्टूबर | १९३१ | 'गॉड इज़' रिकार्ड किया गया |
९९ | ५ नवम्बर | १९३१ |
दूसरी गोल मेज़ परिषद् के प्रतिनिधियों के लिए पंचम जॉर्ज द्वारा आमंत्रित राजसी समारोह में गांधीजी हमेशा की पोषाक (लंगोटी) में गए |
१०० | १३ नवम्बर | १९३१ |
कम्युनल अवार्ड के प्रस्ताव पर अपना विरोध जाहिर किया |
१०१ | १ दिसम्बर | १९३१ | दूसरी गोल मेज परिषद् का अंत |
१०२ | ६ दिसम्बर | १९३१ | रोमेन रोलैंड के साथ |
१०३ | १२ दिसम्बर | १९३१ | वेटिकन में; मुस्सोलीनी से रोम में मिले |
१०४ | १ जनवरी | १९३२ |
सवज्ञा आन्दोलन का प्रस्ताव कांग्रेस कार्यकारिणी मंडल द्वारा पारित |
१०५ | ४ जनवरी | १९३२ |
गिरफ्तार कर यरवडा जेल भेजे गए:वल्लभाई सह कैदी थे |
१०६ | १० मार्च | १९३२ | महादेव देसाई का यरवडा स्थानांतरण |
१०७ | १७ अगस्त | १९३२ |
प्रधानमंत्री रामसे मकडॉनल्ड ने कम्युनल अवार्ड की घोषणा की |
१०८ | १८ अगस्त | १९३२ |
कम्युनल अवार्ड के विरोध में अपने आमरण अनशन के इरादे को रामसे मकडॉनल्ड को पत्र लिखकर बताया |
१०९ | २० सितम्बर | १९३२ | उपवास प्रारंभ |
११० | २४ सितम्बर | १९३२ | पूना समझौता पारित |
१११ | २६ सितम्बर | १९३२ | उपवास तोड़ा |
११२ | ३० सितम्बर | १९३२ | 'हरिजन सेवक संघ' स्थापित |
११३ | ११ फ़रवरी | १९३३ |
हरिजन का प्रकाशन प्रारंभ; 'हरिजन सेवक' (हिंदी), का प्रकाशन २३ फ़रवरी और 'हरिजनबंधू' (गुजराती) का प्रकाशन १२ मार्च को आरम्भ हुआ |
११४ | २९ अप्रैल | १९३३ | मध्य रात्रि इक्कीस दिन के उपवास का संकल्प लिया |
११५ | १ मई | १९३३ |
अप्रतिबंधित और आत्म शुद्धि के लिए अपने उपवास का वक्तव्य जारी किया |
११६ | ८ मई | १९३३ | उपवास प्रारंभ: जेल से रिहा |
११७ | २९ मई | १९३३ | उपवास तोड़ा |
११८ | ३१ जुलाई | १९३३ | व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए अपने विचार व्यक्त किये |
११९ | १ अगस्त | १९३३ |
अहमदाबाद में गिरफ्तार कर साबरमती जेल भेजे गए थोड़े दिन बाद यरवदा स्थानांतरण |
१२० | १४ सितम्बर | १९३३ | राजनीती से दूर रहने के विचार से वर्धा गए |
१२१ | ३० सितम्बर | १९३३ |
सत्याग्रह आश्रम, साबरमती हरिजन सेवक संघ को दिया गया |
१२२ | ७ नवम्बर | १९३३ | देशव्यापी हरिजन यात्रा प्रारंभ |
१२३ | २५ अप्रैल | १९३४ |
बिहार में लालनाथ शास्त्री के उकसाने पर लोगों की भीड़ ने हमला किया |
१२४ | ९ मई | १९३४ | उड़ीसा की पद यात्रा की |
१२५ | १८ मई | १९३४ | सामूहिक सत्यागृह वापस लिया |
१२६ | २५ जून | १९३४ | पूना में उनके मोटरों के काफीले पर बम फेंका |
१२७ | १७ सितम्बर | १९३४ | कांग्रेस से सेवा निवृत होने का विचार व्यक्त किया |
१२८ | ३० अक्टूबर | १९३४ | कांग्रेस से त्यागपत्र दिया |
१२९ | १४ दिसम्बर | १९३४ | अखिल भारतीय चरखा संघ स्थापित |
१३० | ३० अप्रैल | १९३६ | वर्धा से सीगाँव गए |
१३१ | ३१ अक्टूबर | १९३९ | कांग्रेस मंत्रीमंडल ने त्याग पत्र दिया |
१३२ | ५ मार्च | १९४० | सीगाँव का नाम सेवाग्राम रखा गया |
१३३ | ११ अक्टूबर | १९४० |
सेवाग्राम में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक;व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव रखा गया |
१३४ | १७ अक्टूबर | १९४० | विनोबा को पहला व्यक्तिगत सत्याग्रही घोषित किया गया |
१३५ | १३ दिसम्बर | १९४१ | रचनात्मक कार्यक्रम' प्रकाशित |
१३६ | ३० दिसम्बर | १९४१ |
बारडोली में कांग्रेसकार्यकारिणी समिति ने गांधीजी का आग्रह की वे उनको कांग्रेस के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दे स्वीकार किया |
१३७ | १५ जनवरी | १९४२ | सेवाग्राम में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति को यह जानकारी दी की जवाहरल नहरू उनके राजनीतिक वारिस होंगे |
१३८ | २७ मार्च | १९४२ | क्रिप्प्स मिशन को इंग्लैंड लौट जाने की सलाह दी |
१३९ | १४ जुलाई | १९४२ |
कांग्रेस कार्यकारिणी समिति ने ब्रिटिशरों के पलायन का प्रस्ताव पारित किया |
१४० | ८ अगस्त | १९४२ | 'भारत छोड़ो आन्दोलन' का प्रारंभ 'करो या मरो' का नारा दिया |
१४१ | ९ अगस्त | १९४२ |
गांधीजी और कांग्रेस कार्यकरिणी समिति के सदस्य गिरफ्तार; गांधीजी आगा खान पैलेस में बंदी बनाया गया |
१४२ | १५ अगस्त | १९४२ |
महादेव देसाई का निधन ; आगा खान पैलेस जेल में उनका अंतिम संस्कार |
१४३ | १० फ़रवरी | १९४३ | इक्कीस दिन का उपवास प्रारंभ |
१४४ | २२ फ़रवरी | १९४४ |
कस्तूरबा का निधन ; आगा खान पैलेस जेल में उनका अंतिम संस्कार |
१४५ | ६ मई | १९४४ | अप्रतिबंधित रिहा |
१४६ | १४ जून | १९४५ | लॉर्ड वेवल ने विचार विमर्श के लिए बुलाया |
१४७ | १५ जून | १९४५ | कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य अहमदनगर जेल से रिहा ; कांग्रेस से प्रतिबन्ध हटाया गया |
१४८ | १४ जुलाई | १९४५ | वाइसराय ने शिमला कांफ्रेंस को असफल बताया |
१४९ | २३ मार्च | १९४६ | तीन सदस्यों का ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा |
१५० | २५ जून | १९४६ |
कांग्रेस कार्य कारिणी समिति ने संविधान परिषद् को पारित करने का संकल्प लिया |
१५१ | ४ जुलाई | १९४६ | वाइसराय ने अंतरिम सरकार की स्थापना की |
१५२ | १६ अगस्त | १९४६ | कलकत्ते में सांप्रदायिक दंगे |
१५३ | २ सितम्बर | १९४६ |
बारह सदस्यों की अंतरिम सरकार पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व ने में स्थापित |
१५४ | १० अक्टूबर | १९४६ | नोआखली में साम्प्रदायिक दंगे |
१५५ | १५ अक्टूबर | १९४६ | मुस्लिम लीग के सदस्य अंतरिम सरकार का साथ जुड़े |
१५६ | २७ अक्टूबर | १९४६ | बिहार में सांप्रदायिक दंगे |
१५७ | ६ नवम्बर | १९४६ | नोआखली के दौरे पर |
१५८ | १९ नवम्बर | १९४६ |
हरिजन पत्रिकाओं की जिम्मेदारी काका केलकर, किशोरीलाल मश्रुवाला और नरहरी पारिख को दी |
१५९ | २ जनवरी | १९४७ |
खुले पैर से नोआखाली को जन यात्रा प्रारम्भ की |
१६० | ३० मार्च | १९४७ | बिहार में हिंसा से प्रभावित गाँवो का प्रवास |
१६१ | ३१ मार्च | १९४७ | नए वाइसराय लार्ड माउंटबैटन से मुलाकात |
१६२ | १ अप्रैल | १९४७ | एशियाई रिलेशंस कांफ्रेंस को संबोधित किया |
१६३ | १३ अप्रैल | १९४७ | बिहार के दौरे पर |
१६४ | २ जून | १९४७ | कांग्रेस, मुस्लिम लीग और सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने विभाजन की योजना स्वीकार की |
१६५ | १३ जून | १९४७ |
कांग्रेस कार्यकारिणी समिति ने विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार किया |
१६६ | १३ अगस्त | १९४७ | कलकत्ता में शहीद सुहरावर्दी के साथ |
१६७ | १५ अगस्त | १९४७ | प्रार्थना और उपवास में दिन व्यतीत किया |
१६८ | ३१ अगस्त | १९४७ |
सांप्रदायिक दंगो के विरोध में कलकत्ता में अनिश्चित काल का उपवास |
१६९ | ४ सितम्बर | १९४७ |
कलकत्तावासियों के शांति बनाये रखने के वचन के बाद उपवास तोड़ा |
१७० | ९ सितम्बर | १९४७ | दिल्ली पहुंचे |
१७१ | १२ जनवरी | १९४८ | दिल्ली में उपवास का प्रारंभ |
१७२ | १८ जनवरी | १९४८ | उपवास तोड़ा |
१७३ | २० जनवरी | १९४८ | एक युवक ने प्रार्थना सभा में बम फेका |
१७४ | ३० जनवरी | १९४८ | नाथूराम गोड्से ने तीन गोलियां उनकी छाती पे चलाई |
१७५ | ३१ जनवरी | १९४८ | यमुना नदी के किनारे रामदास द्वारा अंतिम संस्कार |